Hanuman Katha
हनुमान कथा
रामायण महामाला के मुख्य रत्न श्री हनुमान जी हैं। श्री हनुमान जी बालक, युवा, वृद्ध सभी के प्रेरणा स्रोत हैं। प्रायः जब हनुमान कथा यह नाम आता है तो लोग सुन्दरकाण्ड की कथा सुनकर ही संतुष्ट हो जाते हैं, किन्तु भैयाजी द्वारा गाई गई हनुमान कथा बड़ी ही अद्भुत है। इस कथा के मुख्य वक्ता ऋषि अगस्त्य हैं और इसके मुख्य श्रोता श्री राम स्वयं हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार एकबार प्रभु श्रीराम ने अगस्त्य ऋषि के सामने हनुमान जी के विषय में जानने की इच्छा प्रकट की, तब ऋषि अगस्त्य ने हनुमान जी का विस्तृत चरित्र प्रभु श्रीराम के सामने गाया, उसे ही “श्री हनुमान कथा” कहते हैं।
यह कथा वाल्मीकि रामायण, सुन्दरकाण्ड का आधार लेकर सुनाई जाती है। आज तक सम्पूर्ण देशभर में दस से अधिक आयोजन श्री हनुमान कथा के हुए हैं।
यह कथा तीन, पांच अथवा सात दिनों तक आयोजित की जा सकती है।