Gaushala Event

सुरभि सेवाश्रम गौशाला
सुरभि सेवा परिवार द्वारा सन 2018 में विभिन्न गौशालाओं में चारा सेवा देकर गौसेवा की जा रही थी। जनवरी 2019 में पुणे शहर के निकट आलंदी में किराये की भूमि लेकर स्वतंत्र रूप से गौशाला का शुभारम्भ किया गया। किन्तु संस्था के पास गौशाला संचालन हेतु स्वयं की भूमि ना होने के कारण तीन वर्षों में दो-तीन स्थान बदलने पड़े।
दिनाँक 15 नवम्बर 2022 से संतश्री ज्ञानेश्वर महाराज की समाधि स्थली आलंदी के समीप हनुमानवाड़ी में चार एकड़ भूमि पांच वर्ष के समझौते से किराये पर लेकर गौशाला का संचालन कर रहे हैं। वर्तमान में सुरभि सेवाश्रम गौशाला में 100 से अधिक गौवंश की सेवा हो रही है। इस साठ गौवंश में प्रायः बीमार, निःसंतान एवं नर गौवंश ही अधिक है। यहाँ गौवंश की सेवा हेतु छह गौसेवक रहते हैं।

विभिन्न उत्सव :- गौशाला परिसर में हर अमावस्या, एकादशी एवं पूर्णिमा के दिन गौमाता को लापसी भोग, फल, सब्जियों का भोग, पौष्टीक आहार का भोग लगाया जाता है। यहाँ प्रतिवर्ष शिवरात्रि पर्व के निमित्त चार प्रहर का रुद्राभिषेक तथा गोपाष्टमी निमित्त ‘गौ अन्नकूट महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है। जिसमें सामाजिक कार्य करने वाले गणमान्य जनों का पूजन व सम्मानित किया जाता है। संत वांगमय के प्रचार प्रसार हेतु जिन्हे ज्ञानेश्वरी, तुकाराम गाथा, दासबोध, एकनाथी भागवत, रामचरित मानस आदि ग्रन्थ कंठस्थ हैं, ऐसे विद्वानों का पूजन व सम्मानित किया जाता है। कार्यक्रम में पधारे भक्तगण गौमाता को विभिन्न फल-सब्जियों का भोग (गौमाता का छप्पन भोग) समर्पित करते हैं। संत, ब्राह्मण एवं अखिल समाज के लिए महाप्रसाद भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।

आगामी योजनाएँ :-
सुरभि सेवा परिवार द्वारा निकट भविष्य में गौशाला के साथ-साथ वैदिक गुरुकुल एवं गरीब व अनाथ बालकों के लिए पाठशाला तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘वानप्रस्थ आश्रम’ का भी आरम्भ करने का मानस है। गुरुकुल, वानप्रस्थ आश्रम एवं गौशाला तीनों प्रकल्प एक ही परिसर में संचालित होंगे इसलिए गौशाला का नाम ‘सुरभि सेवाश्रम गौशाला’ रखा गया है।